आयुर्वेद
आयुर्वेदिक और हर्बल औषधियों की खुराक की गणना
आधुनिक विज्ञान में औषधियों की उपयुक्त खुराक की गणना करने के लिए विभिन्न तरीके हैं। हमने बच्चों के साथ-साथ वयस्कों…
Read More »आयुर्वेदिक औषधियों की समाप्ति अवधि
ज़्यादातर आयुर्वेदिक औषधियों की एक विशिष्ट समाप्ति की अवधि होती है। इस लेख में, आप आयुर्वेदिक औषधि समूहों के शेल्फ…
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वात प्रकृति के शारीरिक और मानसिक लक्षण एवं सामान्य समस्याऐं
शारीरिक गठन में वात दोष की प्रबलता को वात प्रकृति (वातज प्रकृति) कहा जाता है।
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कफ दोष के गुण, कर्म, मुख्य स्थान, प्रकार, असंतुलन, बढ़ने और कम होने के लक्षण
कफ एक ऐसी संरचनात्मक अभिव्यक्ति है जो द्रव्यमान को दर्शाता है यह हमारे शरीर के आकार और रूप के लिए…
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पित्त दोष के गुण, कर्म, मुख्य स्थान, प्रकार, असंतुलन, बढ़ने और कम होने के लक्षण
पित्त शरीर का ऐसा भाव(दोष) है जो शरीर की गर्मी, आग और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। जैविक रूप से,…
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वात दोष के गुण, कर्म, मुख्य स्थान, प्रकार, असंतुलन, बढ़ने और कम होने के लक्षण
“वा गतिगंधनयो” धातु से वात अर्थात वायु शब्द निष्पति होती है। वात एक अभिव्यक्ति है और मुख्य कार्यकारी शक्ति है…
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आम, आम विष, आम के लक्षण और प्रभाव एवं आम की उत्पति कैसे रोकें
आयुर्वेद में आम एक महत्वपूर्ण कारक है। यह पोषण नाली, कोशिका और उत्तकों में कम पाचन अग्नि के कारण शरीर…
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ऋतु हरीतकी – सदा स्वस्थ रहने के लिए कैसे करें हरड़ का प्रयोग
स्वास्थ्य लाभ के लिए ऋतु के अनुसार हरीतकी (हरड़) का सेवन उपयुक्त अनुपान के साथ करने की विधि को आयुर्वेद…
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मेध्य रसायन और मेध्य गुण वाले अन्य द्रव्य
मेध्य रसायन (Medhya Rasayana) शब्द संस्कृत के दो शब्दों के मेल से बना है – मेध्य और रसायन। मेध्य का…
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आयुर्वेद के त्रिसूत्र
हेतुलिँगौषधज्ञानं स्वस्थातुरपरायणम्। त्रिसूत्रं शाश्वतं पुण्यं बुबुधे यं पितामहः।। आयुर्वेद में चिकित्सा के तीन अंग – हेतु, लिंग, और औषध माने…
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