आसव अरिष्ट
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अहिफेनासव का दस्त और मरोड़ रोकने के लिए कैसे प्रयोग करें
अहिफेनासव एक आयुर्वेदिक औषधि जो दस्त और मरोड़ को तुरंत रोकने में सहयाक होती है। इस लेख में, आप जानेंगे…
Read More » अभयारिष्ट का बवासीर, कब्ज और पेट रोगों में कैसे प्रयोग करें
अभयारिष्ट कब्ज, बवासीर, पेट के रोग, और पेट की सफाई के लिए बहुत ही अच्छी दवा है। आइए इस लेख…
Read More »आरग्वधारिष्ट के फायदे, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
आरग्वधारिष्टम प्राकृतिक किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से बनाई गयी अरिष्ट श्रेणी (Arishta Category) में वर्गीकृत एक आयुर्वेदिक और हर्बल औषधि…
Read More »अयस्कृति के फायदे, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
अयस्कृति आमतौर पर केरल में मूत्र संबंधी विकार, रक्तस्राव, ल्यूकोडर्मा (leucoderma), त्वचा विकार, भूख की कमी, कृमि संक्रमण, रक्ताल्पता, शीघ्रकोपी…
Read More »अशोकारिष्ट के लाभ, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
अशोकारिष्ट एक तरल आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें लगभग 3 से 9% स्व-जनित मद्य सम्मिलित हो सकता है। यह महिला प्रजनन…
Read More »अहिफेनासव के लाभ, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
अहिफेनासव का उपयोग गंभीर अतिसार (दस्त) के उपचार में किया जाता है। यह हैजा में बार बार आने वाले पतले…
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भृंगराजासव के लाभ, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
भृंगराजासव पेट और यकृत पर क्रिया करके भूख बढ़ाता है। यह यकृत कार्यों में सुधार करता है और चयापचय दर…
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अरविन्दासव घटक द्रव्य, प्रयोग एवं लाभ, मात्रा, दुष्प्रभाव
अरविन्दासव (Arvindasava या Aravindasavam) आसव श्रेणी में वर्गीकृत एक आयुर्वेदिक औषधि हैं। शिशुओं और बच्चों में पाचन टॉनिक के रूप…
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अमृतारिष्ट के घटक द्रव्य, प्रयोग एवं लाभ, मात्रा और सेवन विधि
अमृतारिष्ट (Amritarishta or Amrutharishtam) जीर्ण ज्वर की एक महत्वपूर्ण औषधि है। यह टाइफाइड बुखार के जीर्ण होने पर इसका प्रयोग…
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अंगूरासव (Angoorasava)
अंगूरासव (Angoorasava) भूख को बढ़ाता है। बल्य गुण के कारण शरीर को ताकत देता है और वीर्य की वृद्धि करता…
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